लेखनी प्रतियोगिता -13-Oct-2023
आ गई विप्पती अगर ,तो क्या करे, हम मगर,
साथ होता अपने का ,तुम घबराओ नहीं
थोड़ा संभल थोड़ा संभल।
संयम अपना खो नही ,दिल से ज्यादा रो नही
अपने ही अपने वक्त में काम आते है।
हजारों लोग मिलते है, बोलते है ,कोई दिक्कत हो तो बताना मुझे,
अक्सर वही झूठे शख्स फोन न उठाते है।
खुशियों में बधाई देते कभी घर आते है,
जो दुख में काम देते है वो अपने ही अपने होते है।
सुख बांटने तमाम लोग भीड़ चली आती है
दुख सुनकर भी मिलते है जब मुलाकात हो ही जाती है।
तो बुरा हुआ पता नही था ,बताया क्यों नही ,उसी की गलती बताते है,
बहुत अपने उस वक्त थोड़ा अपनापन सा जताते है।
ये दुनिया का खेल निराला है
यहां हर शख्स है वो इतना प्यारा नही है।
सुख दुख दो पहलू है ,अक्सर दुख में जो काम आते है
अपने वे ही कहलाते है।।
Gunjan Kamal
14-Oct-2023 08:40 AM
👏👌
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Mohammed urooj khan
14-Oct-2023 12:04 AM
👌👌👌👌
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Arti khamborkar
13-Oct-2023 06:01 AM
v nice
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